आज मुख्यमंत्री करेंगे शिकायतकर्ताओं से बात


- कोताही बरतने वाले अफसरों पर गिर सकती है गाज
भोपाल/ मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को भोपाल सहित प्रदेश के 31 शिकायतकर्ताओं से पहले ऑनलाइन बात करेंगे। इसके बाद उनके द्वारा की गई शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई इसका फीडबैक कलेक्टरों से लेंगे। अगर शिकायतकर्ताओं की शिकायतों के निराकरण करने में किसी अधिकारी ने कोताही बरती है तो उस पर गाज भी गिर सकती है।
मालूम हो कि लोगों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जुलाई 2018 में जन अधिकार कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत मुख्यमंत्री शिकायतकर्ताओं से चर्चा करते हैं।
क्या है जनाधिकार कार्यक्रम
जन अधिकार कार्यक्रम के तहत सीएम को प्राप्त होने वाली शिकायतें, सीएम हेल्पलाइन और जनशिकायत प्रकोष्ठ में से कुछ शिकायतें चयनित की जाती हैं। सीएम के जन अधिकार कार्यक्रम में कलेक्टर-एसपी सहित जिला स्तर के सभी अधिकारियों का मौजूद रहना अनिवार्य रहता है। हर महीने के दूसरे मंगलवार की शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जन अधिकार कार्यक्रम होता है।
शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने पर बंद होती है शिकायत
बताया जा रहा है कि जनअधिकार कार्यक्रम के तहत नागरिक शिकायत पर कार्रवाई से संतुष्ट न हो, तब तक शिकायत बंद नहीं की जाती है। जनाधिकार कार्यक्रम की नई व्यवस्था के तहत अब शिकायतों का बेहतर निराकरण करने वाले और खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की रैंकिंग तैयार की जाएगी। इसका एक फार्मूला तैयार किया गया है। जिसके तहत महीने की शुरुआत में दर्ज शिकायतों की संख्या यदि महीने की आखिरी तारीख में कम होगी, तो उसे बेहतर माना जाएगा।


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