अनूपपुर । लगभग पांच वर्ष पूर्व जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व नपा परिषद पसान अध्यक्ष के धनगवां स्थित स्टोन क्रेशर से अनूपपुर कोतवाली पुलिस ने अवैध बारूद का जखीरा बरामद किया था। इसके बाद से जिले का स्थानीय प्रशासन अवैध बारूद, अवैध ब्लास्टिंग को अनदेखी कर रहा है। जबकि इन दिनों जिले के तहसील पुष्पराजगढ़, जैतहरी, अनूपपुर, कोतमा अंतर्गत अवैध बारूद का आयात एवं ब्लास्टिंग जोरों पर चल रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ एक ओर अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिले में अवैध बारूद का खेप कहां से आ रहा है इसका जवाब स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन देने में असमर्थ साबित हो रहा है। वर्षों पूर्व जिले के पत्थर खदानों में बारूद लुके-छिपे आता था, ब्लास्टिंग होती थी अब खुलेआम बारूद का खेल जिले में चल रहा है ना जाने स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन किस बड़े हादसे के इंतजाम में है। यह सत्य है कि समाचार पत्रों में लगातार खबरें प्रकाशित हो रही है, फिर भी प्रशासन द्वारा अनदेखी किया जा रहा है, जिसके चलते अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। ज्ञातव्य है विगत दो माह पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जब अवैध कारोबारियों पर लगाम कसने की तैयारी की गई थी उस समय जिले के कुछ समाजसेवियों द्वारा अवैध बारूद के आयात, अवैध ब्लास्टिंग की जानकारी कलेक्टर को दी गई थी। फिर भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, जो जिले के लिए चिंतनीय है।
जिले के सीमावर्ती क्षेत्र वेंकटनगर, जरियारी, चोलना, दारसागर, डोगरिया कला, रेऊला, मझौली, सुईडांड, कनवाही, लहसुना, देवगवां, बेलियाबड़ी, धनगवंा, फुनगा, जरियारी, कदमसरा, सकरा, चटुआ, जमड़ी, ठेही गौरेला, दुधमनिया, गढ़ी, पथरौड़ी, लामाटोला, मझगवां, पोडी में अवैध खदान संचालित कर अवैध पत्थर की निकासी अवैध बारूद एवं ब्लास्टिंग द्वारा की जाती है। इतना ही नहीं जिले से लगे सीमावर्ती क्षेत्र छत्तीसगढ के कई ग्राम पंचायतों में भी मध्यप्रदेश से पत्थर की सप्लाई होती है। बताया गया हैं कि विगत वर्षो से जिले में खनिज विभाग के आला अधिकारी मौन धारण किए बैठे हुए है। इनके द्वारा क्षेत्र में दौरा कर अवैध कारोबार पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा। अगर कभी क्षेत्र का दौरा करते हैं तो सुविधाओं के कुण्ड में डुबकी लगाकर लौट आते हैं। क्षेत्र के रहवासियों ने बताया है कि बाहुबली, दबंग किस्म के सफेदपोश नेताओं की भी पत्थर खदाने एवं क्रेशर चल रहे हंै, इनके अवैध करोबार पर कोई व्यक्ति अगर अंकुश लगाने का प्रयास करता है तो उक्त सफेदपोश नेताओं द्वारा अपने शक्तियों का प्रयोग कर शिकार बना लिया जाता है। अवैध ब्लास्टिंग एवं उत्खनन पर लगाम लगाने में स्थानीय प्रशासन एवं खनिज विभाग के आला अधिकारी असफल साबित हो रहे हैं।
जिले के विकासखंड अनूपपुर तहसील कोतमा अंतर्गत देवगवां, देवरी, रेऊला, पथरौडी, लामाटोला, गढ़ी पहाडी, जोगी टोला, पिपरिया, मेड़ाखार, अचलपुर, उमनिया, लखौरा, धरहर, गौरेला, धनगवां, मझगवां में अवैध बारूद से ब्लास्टिंग कर पत्थर का कारोबार किया जा रहा है। जनचर्चा है कि दिवाली, दशहरा में पटाखे बिक्रेताओं को लायसेंस लेकर अपना व्यापार चलाना पडता है। लेकिन जिले में कई टन अवैध बारूद का कारोबार प्रतिदिन हो रहा है, इस अवैध करोबार की सूक्ष्म जांच करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी मुंह मोड रहे है।
जिले के कई पत्थर खदान संचालक ग्रामीण क्षेत्रो में रहायसी स्थानों के इर्द-गिर्द पत्थर खदान ले रखे है और प्रात: ६ से ८ बजे के बीच खदान संचालको द्वारा टै्रक्टर के सहारे ड्रील कर अवैध ब्लास्टिंग की जाती है। ग्रामीणों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया है कि प्रात: जब सब कोई अपने दिनचर्या में लगे रहते हैं तो अवैध करोबारियों द्वारा ब्लास्टिंग किया जाता है। उन्होने यह भी बताया कि जब कभी ब्लास्टिंग के लिए मना किया जाता है तो उन्हे धमकी दी जाती है कि अभी तो दूर में ब्लास्टिंग हो रही है जरूरत पडेगी तो तुम्हारे घर के सामने भी ब्लास्टिंग की जा सकती है। जिले में अवैध उत्खनन का कारोबार जोरों पर चल रहा है। स्थानीय प्रशासन, खनिज अधिकारी एवं खनिज इंस्पेक्टर अवैध करोबारियों के सुविधा शुल्क, कमीशनखोरी के चाशनी में चिपके हुयें हैं। खनिज विभाग एवं स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने क्रेशर संचालकों को इतनी छूट दे रखे है कि चाहे जहां के्रशर खडाकर अपना कारोबार शुरू कर दें। बताया गया है कि जिला मुख्यालय अंतर्गत अमरकंटक रोड़, नगारा बांध, चोलना, छातापटपर के समीप कई एैसे क्रेशर चल रहे हैं जिसके चलते लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। प्रभावित लोगों ने चर्चा के दौरान बताया है कि विद्यालय, चिकित्सालय, मंदिर, आवादी क्षेत्र के समीप क्रेशर चल रहे है। विकासखंड जैतहरी, पुष्पराजगढ़, कोतमा, अनूपपुर के सीमावर्ती क्षेत्रो में चल रहे अवैध खदान एवं क्रेशरों के संचालको द्वारा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र तक पत्थर की सप्लाई की जाती है। जबकि छग से मप्र में कोई भी अवैध कार्य नहीं होता लेकिन मप्र के व्यापारी अन्य राज्यों में पत्थर, मुरूम, रेत का सप्लाई कर महंगी राशि वसूल कर रहे है।
अगर प्रशासनिक अधिकारी खनिज नियमों की जांच के लिए एक दिन के लिए प्रात: ६ से ९ बजे तक निकल जाए तो जांच के दौरान दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा और अवैध कारोबारियों के हौसले भी चूर हो जाएंगे। पत्थर खदान एवं क्रेशर में कार्य करने वाले श्रमिकों को बेहतर सुविधाएं नही मिल रही। इन्हे गम्बूट, दस्ताना, फस्र्ट एड बाक्स की व्यवस्था नही की जाती। जबकि आए दिन श्रमिक दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं लेकिन के्रशर संचालकों द्वारा श्रमिकों के लिए कोई चिंता नही की जाती। विगत वर्ष ब्लास्टिंग के दौरान कई कर्मचारी घायल हो गए थे। प्राथमिक उपचार कराकर उन्हें घर बैठा दिया गया। श्रमिकों का परिवार भूखों मरने की कगार पर है। अवैध खदान संचालक मनमर्जी तरीके से कार्य करने में लगे रहते है। गौरतलब है जिले में अवैध बारूद का आयात, अवैध ब्लास्टिंग और खनिज संपदा की डकैती दिनोंदिन बढ़ रही है इस ओर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं समाजसेवी मुंह मोडकर बैठे हंै। अगर समय रहते संभागायुक्त आर बी प्रजापति, कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध ब्लास्टिंग के कारोबार मे लगाम नहीं लगाया गया तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
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