मुरैना जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती मौसमी तिवारी, लोक अभियोजन मध्य प्रदेश द्वारा बताया गया कि इंदौर में न्यायालय वर्षा शर्मा, विशेष सत्र न्यायाधीश पोक्सो एक्ट के द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी,इंदौर के अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ,आनंद नेमा, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी महू के सशक्त आवेदन में थाना मऊ के आरोपी अंकित विजयवर्गीय पिता कमल विजयवर्गीय उम्र 28 वर्ष निवासी प्रशांति हॉस्पिटल के सामने इंदौर को दोषी मानते हुए धारा 363 में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 का दंड, धारा 367 तथा धारा 302 में मृत्युदंड आजीवन कारावास से दंडित किया गया है ।संचालक लोक अभियोजन पुरुषोत्तम शर्मा के द्वारा महिला एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों की समीक्षा की जा रही है। जिसमें पुरुषोत्तम शर्मा द्वारा अभियोजन अधिकारी को निर्देश दिए गए और उनके निर्देशन में ही आवेदन का सफल संचालन किया जा रहा है। शर्मा के नेतृत्व में वर्ष 202 0 में मध्यप्रदेश में बालकों के विरुद्ध लैंगिक शोषण के अपराध में दूसरी फांसी की सजा है। इसके पूर्व महा जनवरी 2020 में जिला नरसिंहपुर में भी मध्य प्रदेश अभियोजन ने फांसी की सजा कराई थी।जानकारी के अनुसार मऊ थाना क्षेत्र में विगत माह रात्रि में एक 4 वर्षीय बालिका अपने माता-पिता के साथ साईं मंदिर के सामने रोड किनारे महू पेड़ के नीचे सो रही थी ।बालिका के माता-पिता भीख मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं और उनका कोई घर नहीं होने से रोड किनारे ही अपना जीवन यापन करते हैं। कुछ माह पूर्व की दिनांक को बच्चे के माता पिता ने उठकर देखा कि उनकी 4 वर्षीय बालिका जो रात में उनके साथ हुई थी वह वहां नहीं मिली। जब बच्ची के माता-पिता बच्ची को तलाश करते प्रशांत हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली के बांग्ला नंबर 122 के सामने खंडहर में एक बच्ची की लाश पड़ी है। बच्ची के माता-पिता खंडहर में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनकी 4 वर्षीय बच्ची मृत अवस्था में प्लास्टिक की थैली में पड़ी हुई है। बीती रात अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उसकी बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी।पिता की रिपोर्ट पर से थाना महू में अपराध पंजीबद्ध कर मामले को संज्ञान में लिया गया। पुलिस अधीक्षक इंदौर द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए उक्त प्रकरण को सनसनीखेज और गंभीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए एसआईटी टीम का गठन किया गया। जिसमें एसडीओपी महू विनोद शर्मा थाना प्रभारी अभय नेमा एवं थाना प्रभारी सावेर, योगेश तोमर को सम्मिलित किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे साईं मंदिर तक देखे तो बच्ची वाले महादेव मंदिर पर लगे सीसीटीवी कैमरे देखने पर ज्ञात हुआ कि घटना दिनांक को बीती रात्रि करीब 1:00 बजे के बीच एक व्यक्ति जो काली जैकेट ब्लू जींस पहने हुए चलता हुआ दिखाई दे रहा है ।वही व्यक्ति कुछ समय बाद गोद में एक बच्ची को उठाकर भागते हुए दिखाई दे रहा था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की पहचान कराई गई तो उक्त व्यक्ति अंकित विजयवर्गीय पिता कमल विजयवर्गीय निवासी प्रशांति हॉस्पिटल के सामने महू का रहने वाला बताया गया ।पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार किया गया एवं अनुसंधान पूर्ण कर एवं माननीय न्यायालय मऊ के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। आयोजन की ओर से 29 गवाहों के बयान करवाए गए जिसमें लगभग 94 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।अभियोजन की ओर से महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में घटनास्थल के आसपास के 4 सीसीटीवी फुटेज भी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । जिसमें आरोपी घटनास्थल के आसपास खेलता हुआ और बच्ची को गोद में लेकर भागता हुआ दिखाई दिया है। इस प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट भी आरोपी की सजा का मुख्य आधार बनी। न्यायालय में आरोपी की ओर से निवेदन किया गया कि उसके एक डेढ़ माह की बच्ची है उसके साथ नरमी बरती जाए इस पर जिला अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने तर्क देते हुए कहा कि आरोपी विवाहित होते हुए उसने एक 4 वर्षीय की अबोध बालिका का अपनी हवस की पूर्ति हेतु चयन किया और उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। आरोपी का कृत्य बिरल से विरलतम मामले की श्रेणी में आने वाला अपराध है। इसलिए आरोपी को मृत्यु दंड से दंडित किया जाए। जिला अभियोजन अधिकारी अकरम शेख के द्वारा कार्रवाई करते हुए तीसरी सजा सुनाई गई है।
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