ई -लर्निंग के साथ कालेजों को स्मार्ट बनाने की तैयारी
भोपाल । मध्य प्रदेश के प्रत्येक कॉलेज में स्मार्ट क्लासेस के साथ ही ई-लैब और ई-लाइब्रेरी शुरु करने की तैयारी कर ली गई है। इसके शुरु होने से ग्रामीण इलाकों के कॉलेजों को शहरी कॉलेजों से जोड़ा जा रहा है, जिससे एक ही प्रोफेसर एक साथ कई शहरों के छात्रों की कक्षाएं लेकर पढ़ाई करा सकेगा । स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से छात्रों को आईपैड, स्मार्ट बोर्ड से पढ़ाई करने की सुविधा मिल जाएगी। स्मार्ट फोन की जगह स्मार्ट क्लासेस तैयार करने को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि हमारा उद्देश्य उच्च शिक्षा को बेहतर करना है, ताकि बदलते दौर में छात्र नई-नई तकनीक से पढ़ाई कर सकें। इसके लिए ई-लर्निंग की तैयारी की जा रही है। कॉलेजों में लैपटॉप, स्मार्ट फोन की जगह स्मार्ट क्लासेस, स्मार्ट बोर्ड, आईपैड क्लासरूम में ही उपलब्ध होंगे।
यह होगा स्मार्ट क्लासेस में
स्मार्ट क्लासेस में इंटरेक्टिव टच बोर्ड, फुल प्रूफ साउंड सिस्टम होगा। इंटरेक्टिव बोर्ड में सारे फंक्शन इनबिल्ट होने के चलते इसमें पैन ड्राइव और सीडी भी लगाई जा सकेगी। इंटरेक्टिव बोर्ड में इंटरनेट की सुविधा होने के चलते स्टूडेंट्स को हर टॉपिक आसानी से पढ़ाया जा सकता है। अन्य शहरों के छात्रों को भी इससे जोड़़ा जा सकेगा।
पहले चरण में 200 कॉलेजों को किया गया शामिल
पहले चरण में प्रदेश भर के 200 कॉलेजों में दो हजार स्मार्ट क्लासेस तैयार की जा रही हैं। 200 कॉलेजों में ईलैब्स, 200 ई-लाइब्रेरी का भी काम चल रहा है। एक प्रोफेसर एक साथ 200 कॉलेजों के छात्रों को पढ़ा सकेगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में अगर किसी विषय विशेष के प्रोफेसर नहीं है तो फिर शहरी इलाके के प्रोफेसर उस विषय की तैयारी करवा सकेंगे। स्मार्ट क्लासेस के साथ ही ई-लैब्स, ई-लाइब्रेरी, स्मार्ट बोर्ड, वाई-फाई की सुविधा नए शिक्षा सत्र से कॉलेजों में छात्रों को देने तैयारी की जा रही है।
कांग्रेस शिव सरकार की योजनाओं का ले रही है श्रेय : गुप्ता
स्मार्ट फोन की जगह स्मार्ट क्लासेस को लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि स्मार्ट क्लास कोई नयी बात नहीं है। मंत्रीजी कोई नई बात नहीं बोल रहे हैं। स्मार्ट क्लास योजना तो भाजपा सरकार से ही है। कांग्रेस के मंत्री केवल बातें ही कर रहे हैं, जो बातें पहले से चल रही है उनको दोहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री को स्मार्ट क्लासेस की जगह इस व्यवस्था पर काम करना होगा कि स्टूडेंट क्लासेस में पहुंचे। स्टूडेंट और प्रोफेसर की व्यवस्था सुनिश्चित करने काम करना होगा।
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