घरेलू हिंसा रोकने में जागरूकता प्रभावी समाधान


ग्वालियर। संविधान में महिलाओं को पुरुष के बराबर सम्मान दिया गया है।
घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए अधिनियम-2005 लागू किया गया
है। घरेलू हिंसा के पीडि़तों को राहत प्रदान करने के लिए कानून के
अंतर्गत उचित प्रावधान किए हैं, लेकिन यह प्रयास किए जाने चाहिए कि इस
प्रकार की घटनाएं न होने पाएं। यह बात मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा
संचालित माधव विधि महाविद्यालय की रासेयो इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ
नीति पांडे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही। महाविद्यालय में रासेयों
की इकाई द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम पर जागरूकता
कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती पांडे ने कहा कि समाज में घरेलू हिंसा को
रोकने के लिए जागरूकता एक प्रभावी समाधान है। समाज विशेषकर पुरुषों को
महिला उत्पीडऩ से रोकने के संबंध में कानून के प्रावधानों के बारे में
जागरूक किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में रासेयों की स्वंय सेविका सृष्टि
दुबे ने आमतौर पर घरेलू हिंसा के पीडि़तों का समाज बहिष्कार करता है, जो
स्वस्थ समाज में नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर स्वाति सिंह राठौर, रशमी
शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


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