केंद्र की शर्तों के साथ पंचायतों को सहायता

-केंद्र सरकार ने से मिले 3984 करोड़ में से आधा पैसा पेयजल और स्वच्छता पर खर्च करना होगा
भोपाल / पंद्रहवे वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने मप्र को 3984 करोड़ रूपए आवंटित किया है, लेकिन उक्त राशि को खर्च करने के लिए शर्तें भी लगा दी है। केंद्र ने इस राशि की मंजूरी के साथ ही यह शर्त भी रखी है कि पंचायतों को इस राशि का आधा हिस्सा बंध ग्रांट के रूप में मिलेगा, जिसे सिर्फ गांवों में स्वच्छता, ओडीएफ से जुड़े कार्य एवं पेयजल वितरण, रैन वाटर हारवेर्सिंटग और पानी की रिसाइक्लिंग पर ही खर्च करना होगा।
 सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायतों के विकास के लिए अगले साल की राशि की मंजूरी जारी कर दी है। मध्यप्रदेश को 2020-21 के लिए 3984 करोड़ रुपए मिले हैं, जो कि पिछले साल से 324 करोड़ ज्यादा है। केंद्र ने इस राशि की मंजूरी के साथ ही यह शर्त भी रखी है कि पंचायतों को इस राशि का आधा हिस्सा बंध ग्रांट के रूप में मिलेगा, जिसे सिर्फ गांवों में स्वच्छता, ओडीएफ से जुड़े कार्य एवं पेयजल वितरण, रैन वाटर हारवेर्सिंटग और पानी की रिसाइक्लिंग पर ही खर्च करना होगा। केंद्र ने मध्यप्रदेश सरकार से अपै्रल तक पंचायतवार राशि देने का पूरा प्रस्ताव मांगा है, ताकि जून में पहली किश्त जारी की जा सके।
चौदहवें वित्त आयोग में मध्यप्रदेश को ग्रामीण विकास के लिए पांच वर्षो में 12200 करोड़ रुपए मिले । इसमें से पिछले साल 2019-20 में प्रदेश को 3660.14 करोड़ रुपए मिले थे। वहीं पिछले साल परफारमेंस ग्रांट की राशि के रूप में 447.34 करोड़ मिले थे।
-केवल विकास कार्यों पर खर्च करनी है राशि
पंद्रहवें वित्त आयोग की राशि को पंचायतों को गांव में विकास कार्यों के लिए ही खर्च करना होगा। ये राशि दो ग्रांट के रूप में मंजूर की गई है। इसमें से बेसिक ग्रांट से जहां गांवों में सड़क, भवन निर्माण हो सकेगा तो वहीं बंध ग्रांट (टाइड ग्रांट) का उपयोग सिर्फ स्वच्छता और पेयजल के लिए ही करना होगा। दोनों ग्रांट में पंचायतों के पास स्वीकृत राशि का आधा-आधा पैसा पहुंचेगा। केंद्र सरकार ने साफ कहा है इस पैसे से कर्मचारियों को वेतन का स्थापना के दूसरे काम नहीं किए जा सकेंगे। पिछले वर्षों में कुछ राज्यों में ऐसी शिकायते आई है जिसमें वित्त आयोग की राशि का उपयोग सरकार ने तन्ख्वाह बांटने या वाहन खरीदने जैसे कार्यों में कर लिया है।


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