3605 शराब दुकानों को लेकर केविएट दायर
भोपाल /कमलनाथ सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति घोषित कर दी है, जिसका कई ठेकेदारों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस नीति को अदालती चुनौती न मिले और एकतरफा स्टे न हो जाए, जिसके लिए शासन के निर्देश पर आबकारी विभाग ने हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है। 3605 देसी-विदेशी शराब दुकानों की ई-टेंडर के जरिए नीलामी आगामी वित्तीय वर्ष के लिए शुरू की जा रही है।
पहले आबकारी नीति में शराब ठेकेदारों को 5 किलोमीटर के दायरे में एक उपदुकान भी खोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव था, जिसका कुछ मंत्रियों ने विरोध किया। इसके चलते उपदुकानों का प्रस्ताव खारिज कर दिया। अलबत्ता 25 प्रतिशत कीमत अवश्य बढ़ा दी, जिससे शराब दुकानें इतनी महंगी होंगी ही, वहीं 1 अप्रैल से देसी-विदेशी शराब की कीमतों में भी 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हो जाएगी। शासन की इस नई आबकारी नीति को अदालत में चुनौती मिल सकती है और नीलामी प्रक्रिया को रोकने के लिए कहीं स्टे न मिल जाए, जिसके चलते हाईकोर्ट में केविएट दायर की गई।
इसलिए दायर की गई है केविएट
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गजट नोटिफिकेशन के जरिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नई नीति प्रदेशभर में लागू कर दी गई है। इसके चलते शराब दुकानों के ठेके, बार लाइसेंस और अन्य प्रक्रिया विभाग द्वारा शुरू की जा रही है, जिसके चलते वाणिज्यिक कर विभाग मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के विरुद्ध हाईकोर्ट से स्टे आदेश हासिल न किया जा सके, इसके लिए केविएट दायर कर दी है। वहीं भोपाल सहित प्रदेशभर में 2544 देसी-शराब दुकानों और 1061 विदेशी शराब दुकानों के ठेके 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ई-टेंडर नीलामी प्रक्रिया से दिए जाएंगे।
दुकानों के 2-2 समूह बनाए जायेंगे
प्रदेश के चार बड़े महानगर वाले जिले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में दुकानों के 2-2 समूह बनाए जायेंगे। इन समूहों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें शामिल होंगी। शेष 12 नगर निगम वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनाया जाकर निष्पादन की कार्यवाही ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगी। शेष 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निधारित किया जाएगा। इन दुकानों का निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार अर्थात नवीनीकरण/लॉटरी/ई-टेंडर के माध्यम से किया जाएगा। देशी और विदेशी मदिरा की उप-दुकानें नहीं खोली जाएंगी।
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