राज्यसभा चुनाव ने बढ़ाई सरगर्मी

कांग्रेस-भाजपा में दावेदारों ने बढ़ाई टेंशन, कांगे्रस से प्रियंका गांधी का भी नाम 
भोपाल / निर्वाचन आयोग से राज्यसभा निर्वाचन-2020 की सूचना जारी होते ही प्रदेश में सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों में दावेदार सामने आने लगे हैं और टिकट की मांग तेज कर दी है। मप्र में अप्रैल में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं। इनमें से दो सीटें कांग्रेस के पाले में और एक भाजपा के पास जाने के आसार हैं। राज्यसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही कांग्रेस और भाजपा में राज्यसभा भेजे जाने वाले नामों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। दावेदारों ने भी अपने स्तर पर राज्यसभा के लिए कवायद तेज कर दी है। कांग्रेस से राज्यसभा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख दावेदार हैं। इसके अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को भी राज्यसभा भेजे जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हाल में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और मंत्री सज्जन सिंह वर्मा पार्टी नेतृत्व से प्रियंका गांधी को मप्र से राज्यसभा भेजे जाने की मांग कर चुके हैं। तभी से प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजे जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि यह तय नहीं है कि प्रियंका उप्र छोड़कर मप्र आएंगी या नहीं। इसके अलावा अजय सिंह और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को भी राज्यसभा का दावेदार माना जा रहा है।
इस बीच राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मप्र से राज्यसभा भेजे जाने की बात कही है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष दोनों के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया सक्षम हैं। दोनों ही पद सिंधिया को मिलना चाहिए। यह मेरी व्यक्तिगत राय होने के साथ ही पूरे प्रदेश की जनता की मांग है। खाद्य मंत्री प्रद्युन सिंह तोमर का कहना है, हालांकि राज्यसभा कौन जाएगा, इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान को करना है, लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि ऐसे नेताओं को राज्यसभा भेजा जाए जो सदन में आम आदमी की आवाज को मजबूती से उठा सकें।
भाजपा से इनके नाम की चर्चा
भाजपा से किसी आदिवासी नेता को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है। इसकी वजह पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक का भाजपा से छिटकना और कांग्रेस सरकार का आदिवासियों के हित में लगातार फैसले लेना है। आदिवासी नेता के रूप में राज्यसभा के दावेदारों में पूर्व मंत्री रंजना बघेल का नाम प्रमुाता से लिया जा रहा है। बघेल पिछला विस चुनाव हार गई थीं। ऐसे ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को राज्यसभा का दावेदार माना जा रहा है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नजदीकी का फायदा उन्हें मिल सकता है। इसके अलावा प्रभात झा को फिर से राज्यसभा भेजे जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने पार्टी से किसी आदिवासी नेता को राज्यसभा भेजे जाने की मांग की है। 
यह है गणित
वर्ष 2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद संख्या बल को देखते हुए दो सीटों के कांग्रेस जबकि एक के भाजपा के खाते में जाने की उम्मीद है। मप्र में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में हर प्रत्याशी को कम से कम 58 वोटों की जरूरत होगी। अभी कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस को 2 बसपा और 1 सपा विधायक सहित 4 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। यानी कुल 121 विधायकों का समर्थन है। अभी मप्र में कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और भाजपा से प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया राज्यसभा के सदस्य हैं।


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