ग्वालियर / मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया ने अपने आदेश में कहा है कि महिला की सहमति से शारीरिक संबंध बनने से उसे बलात्कार नहीं माना जा सकता है।
न्यायाधीश ने संजीत सिंह के खिलाफ दर्ज बलात्कार की एफआईआर को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि श्वेता से संबंध बनाना बलात्कार नहीं है। फरियादी महिला ने अपने पति से तलाक लिए बिना यह जानते हुए भी दूसरी शादी नहीं हो सकती है। संजीत सिंह पर शादी के लिए दबाव बनाया और गलत तत्वों के आधार पर मुकदमा दायर किया।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में आरोपी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को समाप्त करने के आदेश दिए।
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