सर्वर डाउन के कारण अटकी  79 करोड़ की राशि 

सरकार के लिए मुसीबत बनी कन्या विवाह व निकाह योजना
भोपाल / बीते एक साल से मुख्यमंत्री कन्यादान और निकाह योजना में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रहे लोगों को अभी भी राहत नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह है सरकार से हाल ही में जारी की गई आधी अध्ूारी राशि और सर्वर का डाउन होना। लंबे इंतजार के बाद विभाग को राशि मिली तो अब सर्वर का डाउन होना मुसीबत बन गया है। सरकार बनने के बाद से ही कमलनाथ सरकार के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना गले की फांस बनी हुई है। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने पिछले दिनों जैसे-तैसे योजना के लिए दो किश्तों में 79 करोड़ रुपए स्वीकृत कर सामाजिक न्याय विभाग को दिए। विभाग ने यह राशि जिलों को जारी कर दी, लेकिन अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है।  जिलों की ओर से कोषालय में देयक बिल लगाने पर राशि का आहरण नहीं हो पा रहा है। सर्वर डाउन होने के कारण 15 दिन से यही हालात बने हैं। विभिन्न जिलों के कलेक्टरों के साथ ही कांग्रेस के जनप्रतिनिधि सामाजिक न्याय विभाग के अफसरों पर बकाया भुगतान जल्द किए जाने को लेकर दबाव बना रहे हैं, लेकिन अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जारी अपने वचन पत्र में मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना में राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार करने के वादा किया था। सत्ता में आते ही कांग्रेस ने अपने वादे पर अमल करते हुए योजना में राशि बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी, लेकिन खजाना खाली होने के कारण सरकार समय पर राशि का भुगतान नहीं कर पा रही है। इस योजना में करीब 22,896 और निकाह योजना में 1,678 जोड़ों को राशि का भुगतान किया जाना शेष है।
2006 में भाजपा सरकार ने शुरू की थी योजना 
योजना वर्ष 2006 में शुरू की थी। वर्ष 2015 में इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना कर दिया गया था। इस योजना में शादी व निकाह करने वाले जोड़ों को 28 हजार रुपए की राशि दी जाती थी। सा में आते ही सरकार ने अपने वादे पर अमल करते हुए योजना में राशि बढ़ाकर 51 हजार रुपए कर दी थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस योजना में अब तक 66 हजार से ज्यादा विवाह और करीब 4 हजार निकाह हो चुके हैं।
कन्या के खाते में जमा होते हैं 48 हजार रुपए
योजना में दी जाने वाली 51 हजार रुपए में से 48 हजार रुपए कन्या के बचत खाते में ट्रांसफर होते हं। बाकी 3 हजार रुपए सामूहिक विवाह-निकाह कराने वा संबंधित नगरीय निकाय या पंचायत को दिए जाते हैं।


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