अफसरशाही को लेकर नाथ सरकार के दो मंत्री आमने-सामने
भोपाल / बढ़ती अफसरशाही को लेकर कमलनाथ सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस मामले ने अब तूल पकडऩा शुरु कर दिया है। खास बात यह है कि अब दो वरिष्ठ मंत्री भी आमने- सामने आ गए हैं। सज्जन सिंह ने कार्यकर्ताओं की सरकार के प्रति नाराजगी का ठीकरा अफसरशाही पर फोड़ा, तो सरकार के ही वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने इसे पूरी तरह से नकारते हुए सज्जन सिंह वर्मा को ही नसीहत दे डाली। डॉ. गोङ्क्षवद सिंह ने कहा कि अफसरशाही हावी नहीं होगी, पर आपको घुड़सवारी आनी चाहिए। उनके इस बयान को सज्जन सिंह वर्मा की योग्यता पर सवाल खड़ा करने के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल यह दोनों मंत्री पार्टी के दो अलग-अलग नेताओं के गुट के रुप में जाने जाते हैं। इनमें श्री वर्मा को मुख्यमंत्री कमलनाथ तो श्री सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है। कांगे्रस के राष्ट्रीय सचिव और कमलनाथ सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे वरिष्ठ अफसरों के व्यवहार से नाराज चल रहे हैं।
अफसरशाही को बताया रोड़ा
श्री वर्मा ने कहा कि अफसरों के व्यवहार और हर काम में रुकावट डालने से पार्टी कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं। इससे कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार से नाराज हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता और संगठन में तालमेल का सबसे बड़ा रोड़ा अफसरशाही है। जो मंत्रियों के दिशा-निर्देशों के बाद भी काम में रुकावट लाता है। इस मामले की शिकायत वो सीएम कमलनाथ से करेंगे।
अफसरशाही घोड़े की तरह
मंत्री सज्जन सिंह वर्मा द्वारा कमलनाथ सरकार में अफसरशाही पर सवाल खड़े करने को लेकर वरिष्ठ मंत्री डॉ सिंह ने अपने ही साथी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की काबिलियत ही पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि कमजोर घुड़सवारी से इस तरह के हालात बनते हैं। मैं यह नहीं मानता हूं कि अफसरशाही हावी है, अफसरशाही घोड़े की तरह है। घोड़े पर सवारी करने वाला कैसा है, इस पर निर्भर करता है।
Comments
Post a Comment