सीईओ, एसडीओ, इंजीनियर मुर्गी सेड निर्माण में हुए मेहरबान?

अब कमिश्रर आर बी प्रजापति को देंगे जवाब
मामला जनपद जैतहरी के ग्राम पंचायत गोरसी का
जैतहरी / शहडोल संभाग केउमरिया, शहडोल, अनूपपुर जिला अंतर्गत सबसे अधिक जनसेवक, शासन के शुभ चिंतक, प्रशासनिक अधिकारियों के हां में हां मिलाकर शासन की योजनाओं का माखौल उड़ाने वाले जनपद जैतहरी के तत्कालीन सीईओ राजेंद्र त्रिपाठी, तत्कालीन एसडीओ एम के एक्का, उपयंत्री लव श्रीवास्तव को संभागायुक्त आर बी प्रजापति ने आरोप पत्र थमाकर जवाब मांगा है। देखना हैकि उक्त अधिकारी संभागायुक्त को जवाब देकर संतुष्ट कर लेंगे या अपने पहुंच पकड़ का प्रयोग कर संभागायुक्त के आरोप पत्र व जांच प्रक्रिया को ठण्ड़े बस्ते में दबा देंगे। प्राप्त जानकारी केमुताबिक विगत तीन वर्ष पूर्व जनपद जैतहरी क्षेत्र के मनौरा, गोरसी, गोधन, चोरभठी क्षेत्र में शासन की योजनाओं का कैसा माखौल उड़ा है इन दिनों देखने को मिल रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के नाम पर योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। मुर्गी सेड निर्माण के लिए स्वीकृत राशि से ज्यादा की तकनीकी स्वीकृति राशि से ज्यादा की तकनीकी स्वीकृति देते हुए अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। इस मामले में कमिश्रर आर बी प्रजापति ने लापरवाह अधिकारियों को नोटिस जारी कर तलब किया है। कमिश्नर ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी वर्तमान जनपद पंचायत कोतमा जिला अनूपपुर राजेंद्र त्रिपाठी के विरूद्ध विभागीय जांच शुरू की है। जारी आरोप पत्र में बताया गया है कि ग्राम पंचायत गोरसी जनपद पंचायत जैतहरी के रोचन सिंह को मुर्गी पालन सेड के लिए तकनीकी स्वीकृति ४९ हजार रूपये की दी गई थी एवं उसी कार्य की पुन: कूट रचना कर रूपये १.६४ लाख तकनीकी स्वीकृति जारी कराकर १.१५ लाख रूपए लाख का हितग्राही को लाभ दिलाया गया। इस प्रकार रोचन सिंह को कपिलधारा कूप की पात्रता न होते हुए भी उन्हें अनैतिक रूप से लाभ दिलाया गया है। विजय सिंह राठौर जनपद सदस्य जनपद पंचायत जैतहरी के नाम पर मुर्गी सेड निर्माण कार्य में वेण्डर बनाकर १.१५ लाख रूपये का अनियमित भुगतान कराया गया। जारी आरोप पत्र में आरोपों का विवरण संलग्र करते हुए कूट रचित ढंग से स्वयं के लाभ के लिए अधिक भुगतान कराया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाये जाने के कारण दोषी बताया गया है। 
कमिश्रर आर बी प्रजापति ने बताया कि तत्कालीन उपयंत्री जनपद पंचायत जैतहरी एवं वर्तमान जनपद पंचायत कोतमा जिला अनूपपुर सत्यदेव द्विवेदी के विरूद्ध भी विभागीय जांच शुरू की गई है। जारी आरोप पत्र में बताया गया कि ग्राम पंचायत धनगवां में मुक्तिधाम निर्माण में पूर्व से बने मार्ग को प्रस्तावित कर मिथ्या माप कर १ लाख ८३ हजार ८५२ रूपये दर्ज किया जाकर १ लाख ५८ हजार ८५२ रूपये का दुरूपयोग किया गया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत धनगवां में मुक्तिधाम गेट का प्रक्कलन प्रस्ताव के विपरीत ४८०० रूपये के स्थान पर १२ हजार ५०० रूपये का मूल्यांकन दर्ज कर फर्जी बिल के आधार पर राशि का अपव्यय किया गया। जारी आरोप पत्र में आरोपी का विवरण संलग्र करते हुए कूटरचित ढंग से स्वयं के लाभ के लिए अधिक भुगतान कराया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाये जाने के कारण दोषी पाए गए हैं। जनपद जैतहरी के तत्कालीन उपयंत्री वर्तमान संलग्न कार्यालय जिला पंचायत उज्जैन लव श्रीवास्तव के विरूद्व विभागीय जांच संस्थित करने के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-14 के अन्तर्गत आरोप पत्र जारी किया है। जारी आरोप पत्र में कहा गया है कि क्या विभागीय जांच प्रकरण में प्रत्यक्ष सुनवाई चाहते है? मौखिक जांच चाहते है? अपने बचाव में कोई तथ्य, साक्ष्य इत्यादि प्रस्तुत करना चाहते है? यदि हॉ तो सूची प्रस्तुत करे। जारी आरोप पत्र के संबंध में अपना लिखित प्रतिवाद पत्र प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है नियत समयावधि में लिखित प्रतिवाद प्रस्तुत नही करने पर यह माना जाऐगा कि आपकों इस संबंध मेे आपको कुछ नही कहना है तथा प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। जारी आरोप पत्र में ग्राम पंचायत गोरसी जनपद पंचायत जैतहरी के रोचन सिंह को मुर्गी पालन सेड हेतु तकनीकि स्वीकृति 49 हजार रूपये की दी गई थी एवं उसी कार्य की पुन: कूट रचना कर तकनीकि स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार रोचन सिंह को कपिल धारा कूप की पात्रता न होते हुए भी उन्हें अनैतिक रूप से लाभ दिलाया गया है। जारी आरोप पत्र में आरोपो का विवरण संलग्न करते हुए कूट रचित ढंग से स्वयं के लाभ हेतु अधिक भुगतान कराया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहॅुचायें जाने के कारण दोषी पाये गये है। जारी आरोप पत्र में अभिलेखो की सूची भी संलग्न की गई है।
कमिश्नर शहडोल संभाग आर.बी. प्रजापति ने तत्कालीन सहायक यंत्री जनपद पंचायत जैतहरी जिला अनूपपुर एवं वर्तमान ग्रामीण यंात्रिकी सेवा अनूपपुर एम.के.एक्का के विरूद्व विभागीय जांच संस्थित करने के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-14 के अन्तर्गत आरोप पत्र जारी किया है। जारी आरोप पत्र में कहा गया है कि क्या विभागीय जांच प्रकरण में प्रत्यक्ष सुनवाई चाहते है? मौखिक जांच चाहते है? अपने बचाव में कोई तथ्य, साक्ष्य इत्यादि प्रस्तुत करना चाहते है? यदि हॉ तो सूची प्रस्तुत करे। जारी आरोप पत्र के संबंध में अपना लिखित प्रतिवाद पत्र प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है नियत समयावधि में लिखित प्रतिवाद प्रस्तुत नही करने पर यह माना जाऐगा कि आपकों इस संबंध मेे आपको कुछ नही कहना है तथा प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। जारी आरोप पत्र में ग्राम पंचायत गोरसी जनपद पंचायत जैतहरी के रोचन सिंह को मुर्गी पालन सेड हेतु तकनीकि स्वीकृति 49 हजार रूपये की दी गई थी एवं उसी कार्य की पुन: कूट रचना कर तकनीकि स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार रोचन सिंह को कपिल धारा कूप की पात्रता न होते हुए भी उन्हें अनैतिक रूप से लाभ दिलाया गया है। जारी आरोप पत्र में आरोपो का विवरण संलग्न करते हुए कूट रचित ढंग से स्वयं के लाभ हेतु अधिक भुगतान कराया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहॅुचायें जाने के कारण दोषी पाये गये है। जारी आरोप पत्र में अभिलेखो की सूची भी संलग्न की गई है। गौरतलब है कि संभागायुक्त आर बी प्रजापति अब उक्त मामले की उच्चस्तरीय जांच करायेंगे या आरोपियो के शक्ति प्रदर्शन के सामने जांच ठण्डे बस्ते में चली जायेगी।


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