ग्वालियर । गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में उपकरण खरीदी सहित अन्य मामलों में हुई गड़बडिय़ों का मामला ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी की जा रही है। इसी के चलते संभाग आयुक्त के निर्देश के बाद भी कार्रवाई तो दूर जांच तक शुरू नहीं की गई है।
दरअसल महाविद्यालय प्रबंधन का ऑडिट किया गया था। ऑडिट में अधिकारियों को कई गड़बडिय़ां मिली थीं। इसको लेकर ऑडिट की आपत्ति पर पूर्व सम्भाग आयुक्त बी.एम. शर्मा ने कोषालय के अधिकारियों की एक समिति गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। कमेटी ने जब जांच की तो सामने आया कि महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा उपकरण खरीदी कॉर्पोरेशन से न खरीदते हुए सीधे खरीद लिए गए हैं, साथ ही स्वाशासी समिति से एडवांस में जो पैसा लिया गया था, उसे वापस नहीं किया गया। जबकि चेक रजिस्टर भी दुरूस्त नहीं था। वहीं लेपटॉप खरीदी में भी गडबड़ी सामने आई थी। इसी बीच श्री शर्मा सेवानिवृत हो गए। जिसकी रिपोर्ट टीम ने सम्भाग आयुक्त एम.बी. ओझा को सौंपी थी। इस पर सम्भाग आयुक्त ने तत्कालीन महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. भरत जैन, लेखा अधिकारी ओ.पी. श्रीवास्तव सहित महाविद्यालय के छह कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए दस दिन में जबाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद अब दुबारा संभागायुक्त द्वारा पन्द्रह दिन पूर्व आदेश जारी करते हुए महाविद्यालय के दो कर्मचारियों की विभागीय जांच करने के निर्देश महाविद्यालय की प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. सरोज कोठारी को दिए हैं। जबकि अन्य को इससे दूर रखा जा रहा है। जिससे यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब नोटिस महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता एवं लेखा अधिकारी ओ.पी. श्रीवास्तव को भी जारी किए गए थे तो इन्हें जांच से दूर क्यों रखा जा रहा है।
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