नई दिल्ली । लोकसभा में शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी आंदोलन को तत्काल खत्म कराने की मांग की गई। इस दौरान भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी ने सुप्रीम कोर्ट पर हिजबुल के आतंकियों को बिरयानी खिलाने वालों को मध्यस्थ बनाने का आरोप लगाया। सांसद ने इस आंदोलन को संविधान विरोधी बताते हुए लोगो को हो रही असुविधा का जिक्र किया और इसे तत्काल खत्म कराने की मांग की। शून्यकाल में विधूड़ी ने कहा कि शाहीनबाग में संसद को अपमानित करने वाला संविधान विरोधी आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारी रास्ते में बैठे हैं। इस कारण कई लोगों की दुकानें बंद हैं। बड़ी आबादी को इससे ट्रैफिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सांसद ने कहा कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारियों से वार्ता के लिए दो मध्यस्थों की नियुक्ति की थी। ये आतंकियों को बिरयानी खिलाने वालों को शामिल रहे हैं। जरूरत सख्ती दिखाते हुए शाहीन बाग को खाली कराने की है। शून्यकाल में ही सांसद हेमा मालिनी ने मथुरा का जरूरत के हिसाब से विकास न होने का हवाला देते हुए इसे दिल्ली एनसीआर में शामिल करने की मांग की। सांसद ने बताया कि इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। सांसद ने कहा कि मथुरा देश का बड़ा धार्मिक पर्यटन स्थल है। यहां विभिन्न धार्मिक स्थालों का दर्शन करने देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। एनसीआर में शामिल न होने के कारण इस दृष्टि से मथुरा का सर्वांगीन विकास नहीं हो रहा। अगर मथुरा को दिल्ली एनसीआर में शामिल कर लिया जाए तो यह समस्या बहुत हद तक खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी आग्रह किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
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