- मप्र शासन के आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों के अलावा समस्त विभागों के समस्त कर्मचारियों के लिए 31 मार्च तक वर्क फ्रॉम होम के आदेश जारी
- सरकारी अमले को घर से काम करने की अनुमति
भोपाल । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक युवती में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद राज्य सरकार ने भोपाल में 31 मार्च तक सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को दफ्तर नहीं आने की छूट दी है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके सिंह ने रविवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।
आदेश में कहा गया है कि मप्र में 31 मार्च तक कर्मचारियों को दफ्तर आने की जरूरत नहीं होगी। मप्र सरकार के सभी अधिकारी-कर्मचारी 31 मार्च तक घर बैठकर ही सरकारी काम करेंगे। आदेश में कहा गया है कि 23 से 31 मार्च की अवधि को कर्तव्य अवधि माना जायेगा।
इन पर लागू नहीं होगा आदेश
राज्य सरकार ने कहा है कि यह आदेश स्वास्थ्य, पुलिस, पेयजलापूर्ति व्यवस्था, बिजली आपूर्ति, साफ-साफ अमला, अग्निशमन सेवाएं, दूरसंचार सेवाओं पर लागू नहीं होगा। इनके अतिरिक्त छुट्टियों पर गए अधिकारी-कर्मचारियों पर भी यह आदेश लागू नहीं होगा।
24 मार्च तक राजधानी को किया गया लॉकडाउन...
वहीं इससे पहले तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण का असर मध्य प्रदेश में भी दस्तक देने के चलते जबलपुर में 4 संक्रमित मरीज सामने आने के बाद प्रदेश के कई जिले अलर्ट पर आ गए हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश का राजधानी भोपाल को भी पूरी तरह लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया है। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पूरे जिले को 24 मार्च तक के लिए लॉकडाउन कर दिया है। लॉकडाउन की समयावधि तत्काल प्रभाव से शुरु कर दी गई है, जो 24 मार्च तक जारी रहेगी। हालांकि, जरूरत पडऩे पर इस समयावधि को बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अलावा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।
-सभी सीमाएं सील
भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोड़े का कहना है कि लॉकडाउन के दिनों में किसी भी व्यक्ति को घर से निकलने अनुमति नहीं होगी। यानी आगामी दिनों तक लोग अपने घरों में रहेंगे। सिर्फ बहुत जरूरी स्थिति में ही घर से निकलने दिया जाएगा। जिले में प्रवेश लेने वाली सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। इस दौरान किसी भी बाहरी आगमन और या जिले के लोगों को दूसरे जिलों में जाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं सड़क मार्ग के साथ साथ रेल मार्ग भी सील किये जा रहे हैं। ट्रेनें आएंगी, यात्री भी उतरेंगे, लेकिन जो यहां के निवासी नहीं हैं, उन्हें स्टेशन पर ही रोककर वापस उनके घरों की ओर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, जरूरी सामान की खरीदारी के लिए चुनिंदा इलाकों में दुकानें खुलेंगी, ताकि लोगों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।
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