मुरैना । जिन मंदिरों में जाकर श्रद्धालु अपने व अपने परिवार के स्वस्थ रहने की कामना करते थे, अब वहीं मंदिर सुनसान पड़े हुये हैं। कोरोना वायरस के चलते लोगों घरों में कैद होने को मजबूर हो गये हैं। ऊपर से लॉक-डाउन के चलते प्रशासन द्वारा निरंतर सख्ती के साथ कानून का पालन कराया जा रहा है, जिससे लोग अब मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। विदित हो कि वायरस के चलते लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाई है, जिससे कि वह एक-दूसरे के संपर्क में ना आऐं और बीमारी को फैलने से रोका जा सके। बुधवार को चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई। लोगों ने घर पर हीं विधि-विधान के साथ माता की पूजा अर्चना की। भारतीय नववर्ष के प्रथम दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाला वासंतिक नवरात्रि बुधवार 25 मार्च से प्रारंभ होकर दो अप्रैल रामनवमी तक चलेगा। नवरात्रि व्रत पारन तीन अप्रैल को किया जाएगा और इस बार नवरात्रि नौ दिनों की मनाई जायेगीं। मां पराम्बा का आगमन इस बार नौका पर और गमन हाथी पर हो रहा है, दोनों का फल शुभ है।
ये हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की तिथि
- पहला दिन 25 मार्च प्रतिपदा शैलपुत्री पूजा बैठकी या नवरात्रि घट/कलश स्थापना
- दूसरा दिन 26 मार्च द्वितीया ब्रह्मचारिणी पूजा
- तीसरा दिन 27 मार्च तृतीया मॉ चंद्रघंटा पूजा
- चौथा दिन 28 मार्च चतुर्थी कुष्मांडा पूजा
- पांचवा दिन 29 मार्च, पंचमी मॉ सरस्वती पूजा, मॉ स्कंदमाता पूजा
- छठवा दिन 30 मार्च, षष्ठी मॉ कात्यायनी पूजा
- सातवां दिन 31 मार्च, सप्तमी मॉ कालरात्रि, सरस्वती पूजा
- आठवां दिन 1 अप्रैल, अष्टमी मॉ महागौरी, दुर्गा अष्टमी नवमी पूजन
- नवां दिन 2 अप्रैल, नवमी हवन, नवरात्रि पारण
महानिशा पूजा
शात्र अनुसार महानिशा पूजा सप्तमी युक्त अष्टमी या मध्य रात्रि में निशीथ व्यापिनी अष्टमी में होनी चाहिए, जो 31 मार्च-1 अप्रैल की रात मिलेगी। महानिशा पूजन इसी दिन किया जाएगा। महाअष्टमी व्रत एक अप्रैल को किया जाएगा। चैत्र शुक्ल नवमी दो अप्रैल को मध्याह्न में व्याप्त होने से उसी तिथि को श्रीरामनवमी मनाई जाएगी।
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