- मध्यरात्रि से पहले खाद्यान्न की जमकर हुई कालाबाजारी
मुरैना / मंगलवार की शाम 8 बजे के करीब जैसे ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुये कहा कि मध्यरात्रि 12 बजे से आगामी 15 अप्रैल तक 21 दिनों के लिये पूरे भारत को लॉक-डाउन किया जाता है। इसके बाद जिले भर में जमाखोरों एवं कालाबाजारी करने वालों की तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी हो। उन्होने तुरंत खाद्यान्न सामान का स्टॉक भरा कालाबाजारी करना शुरू कर दिया। देर रात तक लोगों की लंबी-लंबी लाइनें किराना दुकानदारों के बाहर लगी दिखीं। किराना दुकानदारों ने भी लोगों की अनभिज्ञता का जमकर फायदा उठाया और खाद्यान्न को औने-पौने दामों में बेचा। हालांकि प्रधानमंत्री द्वारा आमजन के राहत हेतु अतिआवश्यक वस्तुओं के लिये समय-सीमा निर्धारित की गई थी, लेकिन आमजन को सही जानकारी ना होने के कारण इसका लाभ किराना व्यवसायियों ने उठाया। वहीं दूसरी भारी तादाद में बाजार पहुंच रहे लोगों को रोकने के लिये पुलिस ने भी सख्त रूप इख्तियार किया और लॉक-डाउन का सख्ती से पालन कराया। किराना व्यवसायियों ने 1 किलो शक्कर 50 रूपये, 10 किलो आटे का पैकेट 300 से 400 रूपये में, 1 किलो सरसों तेल 100 से 130 रूपये तक में बेचा। अगर प्रशासन द्वारा इस समस्या का शीघ ही हल नहीं निकाला, तो खाद्यान वस्तुओं के दाम 21 दिनों में आसमान छूने लगेंगे, जो कि मध्यम वर्ग के बजट से बाहर हो जायेंगे। वो भी ऐसे समय में जब उसकी आमदनी का कोई रास्ता ना हो, यह एक गंभीर चिंता का विषण है।
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