सांसद की गिरफ्तारी नहीं सहेगी भाजपा
भोपाल / प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस की प्रजातंत्र, प्रजातांत्रिक मूल्यों और प्रजातांत्रिक तरीके से चुने गए जनप्रतिनिधियों के प्रति कोई आस्था नहीं है। एक परिवार के अधिकनायकवाद के सहारे चलने वाली कांग्रेस की प्रदेश सरकार के लिये प्रोटोकॉल कुछ नहीं रह गया है, यह सरकार इसकी जगह हर कार्यक्रम में अपनी तानाशाही चला रही है। आगर में तो निर्वाचित सांसद को गिरफ्तार करके कमलनाथ सरकार ने यह बता दिया है कि अब वह पूरी तरह गुंडागर्दी पर उतर आई है, जिसमें विरोध या असहमति के लिए कोई स्थान नहीं है। लेकिन प्रदेश की जनता पूरी तरह भाजपा के साथ है और भाजपा सरकार की इस गुंडागर्दी को किसी कीमत पर सहन नहीं करेगी।
श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार लगातार भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान और उपेक्षा कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा शुरू कराए गए कामों का श्रेय लेने के लिये कमलनाथ सरकार इतनी आतुर रहती है कि इन कार्यों के लोकार्पण में या तो भाजपा के जनप्रतिनिधियों को बुलाया ही नहीं जाता और अगर बुलाया भी जाता है, तो उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार सम्मान नहीं दिया जाता। ये जन प्रतिनिधि कहीं जनता के सामने उन निर्माण कार्यों की वास्तविकता न बता दें, जिसका श्रेय लेने के लिये मुख्यमंत्री या अन्य मंत्री पहुंचते हैं, इस डर से भाजपा के जनप्रतिनिधियों को बोलने नहीं दिया जाता। श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार आगर में तो इससे भी एक कदम आगे चली गई। यहां कलेक्ट्रेट के लोकार्पण समारोह के आमंत्रण पत्र में सांसद श्री सोलंकी और जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम ही नहीं लिखा गया। जब सांसद श्री सोलंकी ने विरोध किया, तो प्रशासन ने उनका नाम जोड़कर कुछ कॉर्ड छापे। सोमवार को जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कलेक्ट्रेट भवन का लोकार्पण किया, तो सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी को मंच से अपने बात रखने का मौका ही नहीं दिया गया। जब सांसद सोलंकी ने मंच से सड़क पर उतरकर कमलनाथ सरकार की इस तानाशाही का विरोध किया, तो उन्हें 50 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार की यह गुंडागर्दी किसी भी लोकतंत्र में स्वीकार करने योग्य नहीं है और भारतीय जनता पार्टी इसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि से ऐसा क्या डर था कि उन्हें मंच से बोलने का अवसर नहीं दिया गया।
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