भोपाल मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने बीते शुक्रवार और शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को एक पत्र लिखा है। शुक्रवार को स्पीकर को लिखे पत्र में उन्होंने भारत के संविधान के तहत मिलीं शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करने को कहा है, जिससे संवैधानिक मूल्यों एवं प्रजातांत्रिक मान्यताओं का पालन सुनिश्चित हो सके।
शनिवार को लिखे पत्र में राज्यपाल ने नेता प्रतिपक्ष से मिले पत्र का उल्लेख करते हुए लिखा है कि वर्तमान में एमपी में न तो सदन में नेता है और न ही सदन कार्यशील है। ऐसी स्थिति में जब सदन प्रसुप्त अवस्था में हो तो अध्यक्ष द्वारा नीतिगत निर्णय नहीं लिए जाने चाहिए जिनसे किसी का हित या अहित हो रहा हो, परंतु प्रतिदिन राजनैतिक भावना से ग्रसित निर्णय लिए जा रहे हैं, जो सामान्यजन के हितों को विपरीत रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ दिया गया है अविश्वास प्रस्ताव
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विधानसभा सचिवालय में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शुक्रवार 20 मार्च को लिखे गए एक अन्य पत्र में अनेक तथ्यों का उल्लेख करते हुए यह व्यक्त किया गया है कि बीजेपी के विधायक शरद कोल के द्वारा प्रस्तुत त्यागपत्र स्वीकार होने के पूर्व विधानसभा नियमावली के अनुसार त्यागपत्र वापस लिए जाने के बाद भी उनके त्यागपत्र को स्वीकार करने की अवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
सुभाष कश्यप को किया उल्लेखित
इसी पत्र में निवेदन किया गया है कि भारत के संविधान के तहत मिलीं शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाए जिससे संवैधानिक मूल्यों एवं प्रजातांत्रिक मान्यताओं का पालन सुनिश्चित हो सके। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप की राय को कोट करके लिखा है कि परंपरा अनुसार सत्ता से बेदखल होने पर उस पार्टी से चुने गए स्पीकर तथा उपाध्यक्ष को त्यागपत्र दे देना चाहिए।
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