मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद पर एक बार फिर सीताशरण शर्मा का चयन होगा। मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की भेंट को इसी तारतम्य में देखा जा रहा है। सीताशरण शर्मा वैसे तो मंत्री बनना चाहते थे, किंतु कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के कारण, उच्चस्तरीय बैंठक में उन्हें अध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें हाईकमान के फैसले की जानकारी दी है।
विधानसभा उपाध्यक्ष के पद को लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर का पद अपने पास रखा था। उस समय अध्यक्ष को लेकर सहमति नहीं बनी थी। यह माना जा रहा है कि इस बार उपाध्यक्ष का पद भाजपा अपने पास रख सकती है। कांग्रेस यदि सीताशरण शर्मा के नाम पर निर्विरोध निर्वाचन के लिए तैयार होगी। तभी उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के पास जा सकता है।
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