पटना । बिहार में विपक्षी महागठबंधन में तब ताजा संकट उत्पन्न हो गया, जब राजद नेता तेजस्वी यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक-दूसरे पर निशाना साधा और एक-दूसरे के लिए किये एहसानों को गिनाया। यह घटना तब हुई जब मांझी ने मुख्यमंत्री और जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात की। उससे कुछ घंटे पहले मांझी ने राजद को 31 मार्च तक गंठबंधन के सभी पांच भागीदारों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक समन्वय समिति गठित करने की उनकी मांग को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी पर तंज कसा जब एक संवाददाता सम्मेलन में उनकी मांग को लेकर सवालों की बौछार की गई। यादव ने कहा कि मांझी शायद भूल गए हैं कि समन्वय समिति वास्तव में बनी हुई है। नही तो उनके बेटे राजद कोटे से विधान परिषद के लिए कैसे चुने गए ।
गौरतलब है कि पहले राजग के साथ रहने वाले मांझी मार्च, 2018 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे। हम के संस्थापक मांझी अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। राजद की मदद से मांझी के बेटे संतोष कुमार मांझी को राज्य के उच्च सदन में भेजा गया। यादव को इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है, जो महागंठबंधन के सहयोगी दलों को राजद का एकतरफा कदम लग रहा है। यादव ने कहा कि हमने उन्हें तीन सीटें लोकसभा चुनाव में और एक सीट विधानसभा उपचुनाव में दी थीं। उन्हें याद रखना चाहिए कि राजग में उनके लिए क्या प्रस्ताव था। ऐसे संकेत हैं कि यदि 31 मार्च तक हम प्रमुख की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह महागठबंधन में बने रहने को लेकर मंथन सकते हैं।
Comments
Post a Comment