वेतनमान के फायदे के लिए कागजों में दिखा दिया मुनाफा, आयकर ने थमाया नोटिस 


भोपाल । अपने वेतनमान के फायदे के लिए सहकारी बैंक और समितियों के कर्ताधर्ताओं ने अपनी बैंलेस शीट में हेरफेर संस्थाओं को लाभ मे दिख दिया। ऐसा कई सालों से किया जा रहा था। यह जानकारी आडिट में सामने आयी है। खास बात यह है कि मुनाफा के चलते आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है। अब आयकर विभाग ने भी इस संस्थाओं पर बीस लाख से तीन करोड़ तक का कर भुगतान करने को नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद से ऐसी संस्थाओं में हड़कंप मच गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि यह पूरा गड़बड़झाला बैंक अफसरों ने सरकार से वेतनमान में वृद्वि और सुविधाएं पाने के लिए किया है। इसके लिए डूबत खाते की रकम को लेखा खातों में जोड़कर संस्था को लाभ में दिखा दिया गया। दरअसल तत्कालीन भाजपा सरकार ने निर्देश जारी किए थे कि जो बैंक फायदे में होगें उनके ही कर्मचारियों को ही छठे और सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इसी के चलते अफसरों ने यह गड़बड़झाला किया। इस खुलासे के बाद सहकारिता आयुक्त ने संयुक्त संचालकों और जिला ऑडिट अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे एक- एक संस्था की जांच कर गड़बड बैंलेस शीट तैयार करने वालों पर कार्रवाई करें और जो आयकर बेवजह देना पड़ा उसकी वसूली भी की जाए। 
इस तरह से हुआ खुलासा 
आयकर विभाग ने प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों और कुछ समितियों के वर्ष २०१५-१६ की बैलेंस शीट का अससेमेंट किया। देखा कि इन संस्थाओं को कर्ज पर दिए गए पैसे से मिले ब्याज से करोड़ों का लाभ हुआ है। इसे लेकर बैंक और समितियों को डिमांड नोटिस जारी कर दिया। कुछ संस्थाओं पर टैक्स छिपाने के मामले में नोटिस के साथ पेनल्टी भी लगा दी। बैंकों जवाब में पेश बैलेंस शीट में घाटा बताया। दोनों बैंलेस शीट के संबंध में आयकर विभाग ने अधिकारियों से सफाई मांगी तो कहा कि जो लाभ बताया जा रहा है वह एनपीए की राशि मिलने के बाद का आकंलन है। यानी पैसा हाथ में आया ही नहीं और अफसरों ने बैंक को लाभ में बता दिया। इसको लेकर आयकर विभाग ने सहकारिता विभाग से नियमों की पूछताछ की तो कर्मचारियों की चालाकी सामने आ गई।
कई संस्थाएं नहीं जमा कर रहीं रिटर्न
कई सहकारी संस्थाएं आयकर विभाग में रिटर्न जमा नहीं कर रही हैं। विभाग ने उनके खिलाफ पेनल्टी लगाई है। इस तरह से सहकारी संस्थाओं की रिपोर्ट जिला स्तर पर तैयार की जा रही है। ऐसी संस्थाओं के लेखा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी करने के लिए कहा गया है। 
सभी का कराया जा रहा अब ऑडिट 
सहकारिता विभाग सभी बैंकों और संस्थाओं का ऑडिट करा रहा है। ऑडिट रिपोर्ट में जांच करेगा कि संस्थाओं ने एनपीए की राशि को अपने लाभ में तो नहीं डाल दी। जिन संस्थाओं ने रिकॉर्ड में डूबत राशि को लाभ बताया होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिम्मेदार अधिकारियों से अंतर की राशि और टैक्स वसूला जाएगा।


Comments